नई दिल्ली। दिल्ली में सरकारी अस्पतालों में हर मर्ज की दवा फ्री बांटने के दावे करती है, लेकिन राजीव गांधी सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल, ताहिरपुर में पूरी दवायें उपलब्ध नहीं है जिसकी वजह से मरीजों को बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदनी प़ड़ती है।
फार्मेसी वाले स्टॉक रजिस्टर में सभी दवाइयों की एंट्री 15-1 या 30-1 करते है, इससे प्रतीत होता है कि फार्मेसी सभी दवाई मरीज को उपलब्ध करवा रही है। परंतु केवल पूरे पर्चे में 2-3 दवाइयां ही दी जाती है, फार्मेसी की इस कार्यशैली से तो प्रतीत होता है कि बाकी दवाइयां मार्किट में ब्लैक की जाती है।
2-2 हफ्ते से दौड़ते मरीजों के तीमारदारों को मेडिकल अफसर डॉ पीयूष वर्मा द्वारा झूठा आश्वसन मिलता है कि इस कार्य प्रणाली की जांच करवाई जाएगी और दवा का इंडेंट कर रखा है, लगभग 2 हफ्ते में आएगी जैसे स्पेसर, ब्रिलान्टा, पैंटोप, dytor + 20/50, अट्रोवस, एकॉस्प्रिं, nosal spray, आदि, परन्तु समस्या जस की तस है।।
कहने को दिल्ली सरकार मुफ्त दावा वितरण करवाने में लगी हुई है, परन्तु फिर भी रोजाना सैकड़ों गरीब मरीज पूरी दवा न मिलने से परेशान है। इस प्रणाली को देखते हुए यह कहने में कोई संकोच नही है कि हालात आज भी पहले जैसे ही है।