स्टार कास्ट: अनिल कपूर, जूही चावला, राजकुमार राव, सोनम कपूर, सीमा पाहवा, रेजिना कैसैंड्रा, बृजेंद्र काला, कंवलजीत आदि।
निर्देशक: शैली चोपड़ा
निर्माता: विधु विनोद चोपड़ा
सरकार ने भले ही समलैंगिकता पर कानून बना दिया हो लेकिन समाज में आज भी इसे आज भी मान्यता नहीं मिल पाई है। ऐसे में विधु विनोद चोपड़ा जैसे बड़े निर्माता और अनिल कपूर राजकुमार राव और सोनम जैसे सितारों का समलैंगिक मुद्दे पर आधारित फिल्म करना वाकई सराहनीय है। यह कहानी है मोगा में रहने वाले बलबीर चौधरी (अनिल कपूर) की जो अपनी बेटी स्वीटी (सोनम कपूर) की शादी के लिए लड़की ढूंढ रहा है और उसके लिए समाज की शादियां और शादी कराने वाली वेबसाइट का भी सहारा लिया जा रहा है।
ऐसे में एक नाटककार साहिल मिर्जा (राजकुमार राव) को उससे प्यार हो जाता है और ढेर सारी घटनाओं के उतार-चढ़ाव के बाद साहिल को पता चलता है कि स्वीटी को कुहु (रेजिना कैसैंड्रा) से प्यार है। यहां वह जानता है कि स्वीटी समलैंगिक है। ऐसे में समाज और परिवार को समझाने में साहिल स्वीटी का मददगार बनता है। क्या समाज और परिवार इस कटु सत्य को स्वीकार कर पाएगा? इसी ताने-बाने पर बुनी गई है फ़िल्म ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’।
अभिनय की बात करें तो एक लंबे समय के बाद अनिल कपूर अपने भरपूर फॉर्म में नजर आते हैं। एक सुखी और समृद्धि परिवार का मुखिया और एक बेबस बाप दोनों ही स्थितियों को अनिल कपूर ने बड़े पर्दे पर जीवंत कर दिया है। साहिल मिर्जा के रूप में राजकुमार राव फिल्म की रीढ़ की हड्डी की तरह नजर आते हैं। सोनम कपूर ने उस बेबसी को काफी बेहतर तरीके से उकेरा है। रेजिना कैसैंड्रा की बात करें तो आने वाले समय में बॉलीवुड उनसे और भी उम्मीदें कर सकता है। इसके अलावा सीमा पाहवा, बृजेंद्र काला, कंवलजीत अपने-अपने किरदारों में जंचे हैं। फिल्म में जूही चावला ने चतरो का किरदार निभाया है और वो अपने अभिनय में काफ़ी प्रभावित करती हैं l
कुल मिलाकर एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा एक अलग कहानी है जिसे बहुत ही संवेदनशीलता के साथ निर्देशक शैली चोपड़ा ने बड़ी ही खूबसूरती से पेश किया है। शैली की पकड़ हर दृश्य पर लगातार बनी रही। अगर आप वाकई हटके फिल्में देखना चाहते हैं तो निश्चित ही यह फिल्म आपको पसंद आएगी।